वो बच्चे जो बेबस से खड़े किसी शामियाने के बाहर, अंदर की ओर झाँकते रहते हैं, कितना किसने छोड़ दिया "प्लेट" में नन्हीं आँखों से अक्सर ये ताकते रहते हैं, माना खाने में जूठन छोड़ना लापरवाही या आदत तुम्हारी हो सकती हैं, पर शायद इतने से में ही किसी "झुग्गी" में अच्छी "दावत" हो सकती हैं, बड़ी बड़ी इमारतों की बगल में "भूख" रहती है ग़रीबी की शक्ल में, फेंकने से बेहतर तुम किसी को दे सकते हो एक वक़्त खाने के बदले दुनियां जहाँ की दुआएं ले सकते हो, "युवा" हो समझदार हो देश की खातिर देश का "अन्न" बचा सकते हो यकीन मानो "राष्ट्रभक्ति" इस तरह भी तुम निभा सकते हो.... #nojoto #socialissues #poorkids #starvation #भुखमरी #गरीबी #जूठन