ज़िंदगी में सारा झगड़ा ही ख़्वाहिशों का है तेरी खुआईस अगर ना होती तुझे ना पाकर आंखे ना रोती रो रोकर यू सूजकर हर रात ये आंखे यू ना सोती ज़िनदगी में झगड़ा सारा खुआईसो का हैं फिर भी इक तेरी खुआविश से ज्यादा कुछ खुआईश नहीं की और अब सुना है खुश हैं तू अपनी दुनिया बसाकर इस दुनिया में अपनी दुनिया बसाकर और अब मेरी मौत आई हैं तो आखरी खुआईश पूछ रही हैं तुझे ख़ुश देखकर मैंने उससे तुझे पाने की कुछ खुआईस नहीं की ज़िनदगी में झगड़ा सारा खुआईसो का हैं फिर भी इक तेरी खुआविश से ज्यादा कुछ खुआईश नहीं की ज़िन्दगी में सारा झगड़ा खुवाईसो का है