वीर रस का कवि हूँ मैं, जनमत की छवि हूँ मैं, बादलों के बीच रवि हूँ मैं, हाँ वीर रस का कवि हूँ मैं। (वीर रस कविता का कुछ अंश) ©प्रतोष कुमार सिंह #वीर_रस