तू जो नहीं है पास अब मेरे "प्रियतम" तेरे ख्यालों से गुफ़्तगू अब हम करने लगे सुनाकर हाल-ए-दिल अपना उन्हें हम ज़ख्मो पर मरहम की आश करने लगे मेरी सांसो और धड़कनों से था जो रिश्ता तेरा तुम बिन अब यह मुझ से बग़ावत करने लगी लौट कर आजा यह मुझे भी अपने पास बुला ले तुझ बिन जीना जैसे पल-पल मरना सा लगता मुझे 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार...📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-13 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6-8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥13:- गुफ़्तगू होने लगी है