Nojoto: Largest Storytelling Platform

चेहरे पर उतर आए हैं वक़्त के आबशार बालों की सफेदी क

चेहरे पर उतर आए हैं
वक़्त के आबशार
बालों की सफेदी कहती है
कि शाम ढल रही है 

ना रंग, ना रोगन,ना इत्र की ख़ुश्बू 
ना ज़रदोज़ी कोई
ना मलमली लिहाफ 
सिकुड़ गई है 
हसरतें सारी 
बारिशों में भीग कर 
कलफ़ पर ठहरी पशेमानी कहती है
कि शाम ढल रही है 

रात की रसीद 
ले कर के फिर रहा हूँ
ना जाने कब आँखों को अब सूद चुकाना हो 
नींदों की सुलह हो अब ख़्वाबों से कुछ ऎसी
कि रात ना छूटे
फिर ना सहर हो.... 

अब खमोशी को कहने दो @ उम्र ..दराज़

©Mo k sh K an #mokshkan 
#mikyupikyu 
#ab_khamoshi_ko_kehne_do 
#अब_खामोशी_को_कहने_दो 
#Nojoto 
#Hindi
चेहरे पर उतर आए हैं
वक़्त के आबशार
बालों की सफेदी कहती है
कि शाम ढल रही है 

ना रंग, ना रोगन,ना इत्र की ख़ुश्बू 
ना ज़रदोज़ी कोई
ना मलमली लिहाफ 
सिकुड़ गई है 
हसरतें सारी 
बारिशों में भीग कर 
कलफ़ पर ठहरी पशेमानी कहती है
कि शाम ढल रही है 

रात की रसीद 
ले कर के फिर रहा हूँ
ना जाने कब आँखों को अब सूद चुकाना हो 
नींदों की सुलह हो अब ख़्वाबों से कुछ ऎसी
कि रात ना छूटे
फिर ना सहर हो.... 

अब खमोशी को कहने दो @ उम्र ..दराज़

©Mo k sh K an #mokshkan 
#mikyupikyu 
#ab_khamoshi_ko_kehne_do 
#अब_खामोशी_को_कहने_दो 
#Nojoto 
#Hindi
shonaspeaks4607

Mo k sh K an

New Creator