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आशा किया था जिस पर वो निराशा दे गया जाते जाते अपन

आशा किया था जिस पर वो निराशा दे गया 
जाते जाते अपना वो अधिकार ले गया 
अब नही जरुरत मुझे भी उस शख्स की
स्वयं से रहो तत्पर ये दिलासा दे गया
(शिवाकान्त पान्डेय) उदासी का आलम
आशा किया था जिस पर वो निराशा दे गया 
जाते जाते अपना वो अधिकार ले गया 
अब नही जरुरत मुझे भी उस शख्स की
स्वयं से रहो तत्पर ये दिलासा दे गया
(शिवाकान्त पान्डेय) उदासी का आलम