सारी दुनियां में मानव भरे हैं मगर, सच्चे साथी का मिलना है भगवत कृपा। आते जाते हैं जीवनभर साथी मगर, जीवनसाथी का मिलना है भगवत कृपा॥ सबको मिलते नहीं कितना कर लो जतन, हैं मिले जिनको समझो है भगवत कृपा। दो बदन हो भले, प्राण दोनों में सम,, ऐसी जोड़ी का मिलना है भगवत कृपा॥ हर कदम हर घड़ी साथ हो यदि सहज, स्वर्ग की कल्पना यह नहीं दूजा कुछ। प्रेम बढ़ता रहे नित नये भाव में,, अंत तक ऐसा चलना है भगवत कृपा॥ गिरा अरथ जल बीचि सम, कहिअत भिन्न न भिन्न। #Love