अल्फाज़ हैं मगर, तेरी मोहब्बत का ही सुरूर है अल्फ़ाज़ होते हुए कहा ना जा रहा है मुझसे। गुलाब की महक तो बहुत खूब है अल्फ़ाज़ हैं मगर, कुछ कहा ना जा रहा है। तेरी रंगत और रूप तो बहुत प्यारे है । अल्फ़ाज़ हैं मगर, कुछ कहा ना जा रहा है। कुछ कहा ना जा रहा है। #nojotokavita