मोहब्बत भी किसी से इतना करो की दिल संभल जाए किसी को इस कदर भी न चाहो की दम निकल जाए मिले हो बहुत दिनों बाद आओ ताजा कर लें भूली यादें भी इस कदर की रूह गर्मी ए एहसास से पिघल जाए जब से तुझे देखा मोहब्बत से दिल मेरा अजीब धड़का है मगर डर ये की न जाने कब तेरा रस्ता बदल जाए ख्वाब में हुई ये मोहब्बत भी कैसी दिल तो धड़का है मगर होश नहीं जुनून ए ख्वाब से दिल कब बहल जाए तू साथ था मेहरबां था मगर दिल तोड़ कर अचानक ऐसे जुदा हुआ जैसे क़यामत की रात में तन्हाई जल जाए हाल ये की तुझको इक झलक देखने खातिर ख्वाब कब तलक देखूं कोई तो दुआ करे मेरा दिल बहल जाए 🐵मेरी इक और नई ग़ज़ल गम ए ज़िन्दगी🐵 ©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल गम ए ज़िन्दगी #Agnipath