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White तजुर्बा –ए –जिन्दगी... वक्त बड़ा बे – हिसाब

White तजुर्बा –ए –जिन्दगी...
वक्त बड़ा बे – हिसाब है साहब, 
कुछ देकर बहुत कुछ छीन लेती है साहब।
थोड़ी खुशी, ज्यादा गम देकर ,
जिन्दगी उदास कर जाती है साहब।।

दौलत – शोहरत, हुस्न – अदाएं, 
मदिरा – मैयखाना सब झूठ है साहब ।
अग्नि – अनिल – आकाश, पानी –पृथ्वी,
सारे जहां में, यही एक मात्र सच है साहब।।

सूरज, चांद,पवन– पहाड़, नदी, सरोवर ,
जीवन का यही एक सूत्र धार है साहब ।
ईमान ही इबादत , कर्म ही किस्मत है ,
सफल जीवन का यही एक राज है साहब।।

जो रिश्तों के पीछे भागा, उसे रिश्ता ना मिला,
जो दौलत के पीछे भागा, उसे दौलत ना मिला ।
ये कमबख्त दुनिया, बड़ी ज़ालिम है साहब ,
सबके अपने , अलग –अलग हिसाब है साहब ।।

टूटी खाट–गहरी नींद, भूखा पेट–नीच का भोजन,
प्यास इंसान जूठा पानी में, कोई भेद ना माने साहब ।
पद – प्रतिष्ठा, प्रेम से बड़ा नही है साहब ,
जीवन के सफ़र में सबसे अलग तजुर्बा है साहब ।।

©Dr.Gopal sahu
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