सफर में तनहा हूं राह भी मुश्किल है,फिर भी मुझे मंजिलें मनसूब को चलना होगा ये भी मुमकिन है की राह में ठोकरें आएंगे बहुत,ठोकरे खाकर भी मुझे फिर से संभालना होगा देखना है कब तलक ये रंज ओ गम का अंधेरा होगा मुझे यकीन है एक न एक दिन मेरे उम्मीदों का सवेरा होगा ©Aurangzeb Khan #ummidon #ka #savera