झलकता प्यार उनकी आंखों में ,जब ख्वाब बनकर हमें आंखों में दिखती है ,जाने कितनी गहरी थी वह जो समुंदर की गहराइयों से ज्यादा गहरी थी ,क्यों ना हम उन गहराइयों को माप सके ,क्यों ना हम उन गहराइयों को माप सके, जो उफान उठती लहरों की तरह उठती है, देखकर उन्हें झलकता था प्यार ,जैसे उन आंखों से आज भी प्यास हमारी बुझती है shayaris@sunnychait