मैं बिखर जाऊँगी इक तुम्हारे बदल जाने से तुम सोचते हो कि उजाले छोड़ सियाह रात अपनाऊँगी मैं तुम ये क्यों नहीं समझते कि माँ के आँचल का साया और पिता कांधा अब भी है तुम ये क्यों नहीं समझते कि मेरे सपनों कि उड़ान है दर्द से भी मजबूत तुम सोचते हो कि... #तुमसोचतेहो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi