देखा हुआ सा कुछ हैं, सोचता हुआ सा कुछ हर वक़्त रहता हैं मुझ में उलझा हुआ सा कुछ होता हैं यूँ भी के बात अब बनती नहीं क़भी रेत सा फिसल जाता हैं गुजरा हुआ सा कुछ क़भी आता हैं औऱ क़भी आकर चला जाता हैं तिनको सा टूट जाता हैं बिखरा हुआ सा कुछ किनारे तक आता हैं फ़िर ख़ुद में सिमट जाता हैं वो दिल सें निकल गया, मरता हुआ सा कुछ —❁Kumar❁ ✍️ ©The Unstoppable thoughts #Likho #Nojoto #nojotohindi #nojotowriters #nojotoshayari #nojotoofficial #nojotopeople