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मुकम्मल शिफ़ा ख़रीदी फिर भी चेहरे पे मर्ज़ दिखता ह

मुकम्मल शिफ़ा ख़रीदी फिर भी चेहरे पे मर्ज़ दिखता है! 
सब पा लिया पर अब भी तक़दीर ही मुकद्दर लिखता है! 
माशुक़ मिल जाते हैं बाज़ार में, पर वफ़ा ओ मोहब्बत नहीं, 
कहाँ तो लोग कहते हैं - दुनिया में सभी कुछ बिकता है.... 

(मुकम्मल शिफ़ा - पूरा इलाज) (मर्ज़ - बीमारी)

©Shubhro K
  #12May2022
 Monika  Pushpvritiya  Manali Rohan Darshan Raj AK S