तकता था वो दुकान में भरे थे छप्पनभोग मुट्ठी में उसकी दबा था दस का नोट क्या क्या ले लड्डू या राजभोग मोहनथाल ले या बालूशाही रबड़ी, इमरती या रसमलाई उसकी समझ में कुछ न आई देखा उसको दुकानदार ने असमंजस में तकते मिठाई दिल में प्यार उमडा ऐसा पास बुला कर दुलार से एक एक कर सब चीज खिलाई जो बच गयी पेट भरने के बाद बाँध कर एक डिब्बे में उसके दी विदाई नमस्कार लेखकों।😊 Collab करें हमारे इस #rzhindi पोस्ट पर और अपने शब्दों द्वारा अभिव्यक्ति कर मौका पाएं रेस्ट ज़ोन से एक ख़ास टेस्टीमोनियल पाने का! 🤩 सबसे बेहतरीन collabs को हमारे पेज पर साझा किया जाएगा इसलिए इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 समय सीमा : 17 जुलाई, दोपहर 12 बजे तक।