ज़ुल्फ़ तेरी सियाख़ रात है और चेहरा महवश अफ़साना मेरा अदाएँ तेरी जानलेवा हैं, मैं हूँ कश्ती और तू है किनारा मेरा सियाख़- काला महवश- beautiful like moon _Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "ज़ुल्फ़" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा !