खामोश आँखों में सपनें लिए फसे है ज़िंदगी की मझधार में कोई अपना तो कोई अपना सा छूट रहा सुनहरी आँखों की डिबिया से। #yqbaba #yqdidi #yqhindi #poetry #आखो_के_सपने #eyedream #nishtharishi