है मेरे भी कुछ अपने देखे हुए है अंतर्मन के सपने भले जगी आंखो से फिर भी पूरा करने की है ख्वाहिशें भले लोग समझेंगे पागल मगर ये पागलपन ही करेगा पूरा भले ही आती रूकावटे हज़ार करूंगा प्रयास लाख बार ना रुकना है, ना थकना है हारना तो हरगिज़ मना है... सुप्रभात। सोई आँखों से अच्छे, जागी आँखों के सपने... #जागीआँखें #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi