ना ही दिल बदला है मेरा, ना ही मेरे ज़ज्बात बदले हैं!! कुछ ऐसा शुरू हुआ ग़मों का दौर, आज मेरे ये जो हालात बदलें हैं!! एक रोज उनको सराहा था मेने, चाहतों की हद से भी ज्यादा! जिनको चाहा था मैंने, मौसम के जैसे आज उनके खयालात बदले हैं|| ना ही दिल बदला है मेरा, ना ही मेरे ज़ज्बात बदले हैं!! Nijanand Maurya Åk Êsh nid💙