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ज़िन्दगी से् अब मेरा, कोई वास्ता ही नहीं, मुझमें अ

ज़िन्दगी से् अब मेरा, कोई वास्ता ही नहीं,
मुझमें अब मिरे जैसा, शख़्स वो बचा ही नहीं!

ख़्वाब सब मसल डाले, आरज़ू दफ़न कर दी,
दर्द के सिवा दिल में कोई झांकता ही नहीं!

रोज़-ओ-शब के मसलों में, गुम हुआ हूं कुछ ऐसे,
अपने आप से जाने, कब से मैं मिला ही नहीं!

हासिले-दुआ था जो, हम-नफ़स कभी मेरा,
वो कभी दुआओं में, मुझको मांगता ही नहीं! #yqaliem #zindgi #masalah #dard_e_dil #ham-nafas #hasil-e-dua #chahat 

हम-नफ़स - Intimate 
                 companion
ज़िन्दगी से् अब मेरा, कोई वास्ता ही नहीं,
मुझमें अब मिरे जैसा, शख़्स वो बचा ही नहीं!

ख़्वाब सब मसल डाले, आरज़ू दफ़न कर दी,
दर्द के सिवा दिल में कोई झांकता ही नहीं!

रोज़-ओ-शब के मसलों में, गुम हुआ हूं कुछ ऐसे,
अपने आप से जाने, कब से मैं मिला ही नहीं!

हासिले-दुआ था जो, हम-नफ़स कभी मेरा,
वो कभी दुआओं में, मुझको मांगता ही नहीं! #yqaliem #zindgi #masalah #dard_e_dil #ham-nafas #hasil-e-dua #chahat 

हम-नफ़स - Intimate 
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