प्रेम के लिये हृदय में स्थान दिया हाथ से थाम कर अपनत्व मजबूत हुआ विश्वास दर्पण बना सम्बन्ध प्रतीक बना जुड़े कुछ मनके पिरोया मानवता में फिर एक दिवस हम बिछड़ गये अब स्मृति ही बची है दर्पण टूट गया मर गया! #दीप#collabgirl #सरल_रचना #सरलता #छलिया #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with Vinod saral Collaborating with Deepti Aggarwal Collaborating with Dilsere _ archu sonuholic