" सब्र हैं ख्याल भी हैं , इन गुमसुम निगाहों में सवाल भी हैं , कोई ज़बाब ना मिले तो बेहतर और उम्दा होगा , रोज तेरी सब भरी निगाहों से देखना हैं तुझे. " --- रबिन्द्र राम " सब्र हैं ख्याल भी हैं , इन गुमसुम निगाहों में सवाल भी हैं , कोई ज़बाब ना मिले तो बेहतर और उम्दा होगा , रोज तेरी सब भरी निगाहों से देखना हैं तुझे. " --- रबिन्द्र राम #सब्र #ख्याल #गुमसुम #सवाल #ज़बाब #निगाहों