(गुरू राष्ट्र निर्माता...!) पहली सीढ़ी विद्यालय बुलाया ,बिन बोले को बोल सिखाया, शिक्षा का संस्कार दिलाया ,आदर सत्कार सब समझाया...! डगमगाता डगर बनाया ,गिरते को गुरूजी ने उठाया, अनसमझे को शिष्य बनाया,विद्वान बना प्रस्थान कराया...! शिक्षक होकर सिपाही बनाया,देश की सेवा धर्म बताया, खुद जुटकर सु समाज बनया,शिष्य को सेवा धर्म समझाया...! ज्ञान की गंगा को बहाकर,चेला खुद से गुणवान बनाया, गुरू ने वो हीरा तरसाया,पत्थर से भी स्वर्ण बनाया...! गुरू ने वो ज्ञान सिखाया,जिससे जीवन सफल हो पाया, ज्ञान का वो दीपक जलाया,आंधी तूफान से भी लड़ आया...! गुरू ने एसा ज्ञान बरसाया,अंधियारा रोशन बनाया, गुरू ने एसा मार्ग बताया,कांटो में भी फूल खिल आये...! गुरू ने एसा दीप जलाया,चारों ओर उजाला छाया, गुरू ने एक काम सिखाया,ज्ञान पाकर ज्ञान बरसाया...! गुरू ने एसा नाम दिया,दुनिया ने भी गुणगान गाया, गुरू ने एसा मंत्र दिया, मरते को भी प्राण दिया...! गुरू वंदनीय गुरू पूजनीय गुरू नाम ही गुणवान है, गुरू ने वो संस्कार दिया जिससे गुरू का गुणगान हुआ...! गुरू उस आदर्श का नाम है जिससे सीखने की खान है, ©Khuman Singh happy teachers day teachers day #Teachersday #Teacher #14september