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ज़ख्म हाथों पर था, वह चेहरे पर मलहम लगाता रहा गुनाह

ज़ख्म हाथों पर था, वह चेहरे पर मलहम लगाता रहा
गुनाहों से सना था जो वह बेगुनाही
की कसम खाता रहा।

©Kamlesh Kandpal
  #Illusion