प्यार कुछ इस कदर हुआ, की मेरे इरादों ने हरएक वो बात बोल दी... की 💚जान💚 तुमसे प्यार कुछ इस कदर हुआ, की मेरे इरादों ने हरएक वो बात बोल दी... जैसे सुखों के उजालों में, मैने मेरे दुखों की हर-एक वो रात तोल ली... और पता था कि मैदान-ए-इश्क़ जीत ना होंगी फिर भी खेलके मैंने, "तेरे" हाथों खुशी खुशी मात मोल ली... -----(2x) और फिर ए मेरे मां के दुआओं का असर ही था की "तेरे" सफ़र के राह पे मैने,,,, "तेरे" नाम की अच्छी सी एक, दुकान खोल ली...!! कुछ इस तरह मैं, 💚तुम्हारे💚 मेरे इश्क़ की दास्तां कह जाऊंगा... "तुम" सुनते सुनते हस पड़ोंगी, और फिर मैं "तुम्हारे" आंखों से बह जाऊंगा...!! . . .