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तेरे दर पर दरस के ख़ातिर जन्मों से मैं बैठी हूं अब

तेरे दर पर दरस के ख़ातिर जन्मों से मैं बैठी हूं
अब तो कान्हा खुद जनम लो मेरे अंगना मैं रूठी हूं
पूरन कर दो मेरी चाह दरस अब तुम मुझको दे दो
मेरे सम्मुख आओ मूझे मनाओ आखन को सुख दे दो
आँचल के छैया में आकर तनिक ठहरो करो आराम
लटकत करधनिया के संग नाचो मेरे अंगना में घनश्याम
आओ कर दो तीरथ घर आंगन जैसे मथुरा गोकुल धाम
हे कृष्ण कन्हैया मैं सदा ही जपती हूं तुम्हरा ही नाम
बरसो की चाहत है मेरी मैं तुझको नहलाऊं
लल्ला तुम जब रूठो देख तुम्हे मैं इठलाऊँ
तेरी मुस्कान देख मोहन सारे दुःख मैं भुलाऊँ
मेरे हांथो को थाम चलोगे भव सागर मैं तरजाऊं
मेरे व्यंजन का तुम भोग करोगे पुरखे तर जायेगे
हे कान्हा दुखियारी के लाल बनोगे सारे दुख हर जायेगे
तेरे नाम जपेंगे मोहन सारा जीवन तेरा ध्यान लगाएंगे
बस आ जाओ मेरे अंगना गिरधर सारा सुख पा जायेगे

©अभिषेक क्षितिज #Janamashtmi2020 
#Nojoto  #nojotohinidi
तेरे दर पर दरस के ख़ातिर जन्मों से मैं बैठी हूं
अब तो कान्हा खुद जनम लो मेरे अंगना मैं रूठी हूं
पूरन कर दो मेरी चाह दरस अब तुम मुझको दे दो
मेरे सम्मुख आओ मूझे मनाओ आखन को सुख दे दो
आँचल के छैया में आकर तनिक ठहरो करो आराम
लटकत करधनिया के संग नाचो मेरे अंगना में घनश्याम
आओ कर दो तीरथ घर आंगन जैसे मथुरा गोकुल धाम
हे कृष्ण कन्हैया मैं सदा ही जपती हूं तुम्हरा ही नाम
बरसो की चाहत है मेरी मैं तुझको नहलाऊं
लल्ला तुम जब रूठो देख तुम्हे मैं इठलाऊँ
तेरी मुस्कान देख मोहन सारे दुःख मैं भुलाऊँ
मेरे हांथो को थाम चलोगे भव सागर मैं तरजाऊं
मेरे व्यंजन का तुम भोग करोगे पुरखे तर जायेगे
हे कान्हा दुखियारी के लाल बनोगे सारे दुख हर जायेगे
तेरे नाम जपेंगे मोहन सारा जीवन तेरा ध्यान लगाएंगे
बस आ जाओ मेरे अंगना गिरधर सारा सुख पा जायेगे

©अभिषेक क्षितिज #Janamashtmi2020 
#Nojoto  #nojotohinidi