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bench छोड़ के सारी रंग -रलियां, ख़ामोशी में जाते हैं

bench छोड़ के सारी रंग -रलियां,
ख़ामोशी में जाते हैं!
जहाँ जिन्दा हैं सिर्फ जिस्मों की चाहत,
बस वर्तमान की नुमाइश है!
मन -मस्तिष्क भरे गमों से,
हर पल की लाचारी है!
हर पल मुश्किल है और है बेबसी,
बस खुद के मन से ग़द्दारी है 😭!

©Faniyal
  #Bench
madanfaniyalsing6853

Faniyal

Bronze Star
New Creator

#Bench #Poetry

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