"एक बाबू की कहानी" सभी विभागों की रीढ़ की हड्डी मुझे कहा जाता है, सारे काम का बोझ भी मेरे ही सर के ऊपर आता है, दर्जा तो 3 क्लास का पर वेतन चपरासी के बराबर दिया जाता है, जब कहते हैं हम कि हमें भी 3 क्लास का वेतन दिया जाए तो कहते हैं तुम्हें बिना ट्रेनिंग के +2 पास रखा जाता है, वह क्या जाने एक लाख से ऊपर जब परीक्षा भरते हैं तब कहीं जाकर 100 बाबू लगते हैं, शिक्षा तो हमारी भी उच्च होती है बस दिखावे से कतराते हैं ऐसे ही नहीं कोई बाबू बन जाते हैं, ऐसे ही नहीं कोई बाबू बन जाते हैंll ©Vicky vicky Bhardwaj #Moon vicky