सुबह का इंतजार याद है तेरे आने के बाद हमको मन्दिर जाना याद है। सुनीं सड़को पर चलते कदम दर कदम प्यार भरे जज्बात याद हैं। तेरा मेरे लिए मेरा तेरे लिए दुआओं का हाथ बढ़ाना याद है। सिर झुका कर एक साथ ढोक लगाना याद है। बातों बातों में लड़ना रूठना और मनाना याद है।पर तुम ही बताओ क्या तुमको सुनी सड़कों का सफ़ऱ याद है?------ कुछ रास्ते, कुछ सड़कें, कुछ मोड़ हमारे ज़ेहन में महफ़ूज़ हो जाते हैं। #सूनीसड़क #collab #yqdidi ... YQ Sahitya पर पढ़ें हिंदी साहित्य की बेहतरीन रचनाएँ। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi