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रूप की अदा, सदा सुहानी, जो भी देखे जमाना, हो जाए


रूप की अदा,
सदा सुहानी,
जो भी देखे जमाना,
हो जाए रूप का सदा दीवाना।

हवा में लहराती यह जुल्फें तेरी,
मदहोश निगाहें तेरी घायल करे हमें,
तेरी आरिज़ की कोमलता,जैसे हो मखमली त्वचा,
तेरे होठों की लाली, जैसे गुलाब की कली।

तारीफ क्या और करू तेरी,
रूप भी दिया खूबसूरत,
साथ में दिल भी दिया इतना खूबसूरत की,
लगा जैसे मिला सोने पे सुहागा।

जमाने के साथ-साथ एक दीवाने, 
हम भी है तेरी अदाओं के,
जी करता है तकता ही रहू तुम्हें सुबह शाम,
तेरे कदमों की खुशबू हमेशा महके मेरे तन और मन में। 

ये तो सिर्फ चंद अल्फ़ाज लिखूँ तेरी अदाओं के नाम,
अगर और अल्फ़ाज लिखने बैठूं तो, 
कोरा काग़ज और कलम की स्याही भी कम पड़ जाए।

-Nitesh Prajapati 





 आरिज़=गाल 

♥️ Challenge-856 #collabwithकोराकाग़ज़

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रूप की अदा,
सदा सुहानी,
जो भी देखे जमाना,
हो जाए रूप का सदा दीवाना।

हवा में लहराती यह जुल्फें तेरी,
मदहोश निगाहें तेरी घायल करे हमें,
तेरी आरिज़ की कोमलता,जैसे हो मखमली त्वचा,
तेरे होठों की लाली, जैसे गुलाब की कली।

तारीफ क्या और करू तेरी,
रूप भी दिया खूबसूरत,
साथ में दिल भी दिया इतना खूबसूरत की,
लगा जैसे मिला सोने पे सुहागा।

जमाने के साथ-साथ एक दीवाने, 
हम भी है तेरी अदाओं के,
जी करता है तकता ही रहू तुम्हें सुबह शाम,
तेरे कदमों की खुशबू हमेशा महके मेरे तन और मन में। 

ये तो सिर्फ चंद अल्फ़ाज लिखूँ तेरी अदाओं के नाम,
अगर और अल्फ़ाज लिखने बैठूं तो, 
कोरा काग़ज और कलम की स्याही भी कम पड़ जाए।

-Nitesh Prajapati 





 आरिज़=गाल 

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