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ना सर्दियों की अकड़ मुझमें ना गर्मियों में गर्म हो

ना सर्दियों की अकड़ मुझमें
ना गर्मियों में गर्म होता हूँ में

जुड़ा हूँ ज़मीन से अपनी
माँ के पैरो में सोता हूँ में ॥ किसी व्यक्ति की उचाईयों पर पोहचने का अंदाज़ा उसके छोटे छोटे क्षणौ के प्रति विचारधाराओ से किया जा सकता हे।
व्यक्ति की विचारधारा उसके बड़े या छोटे होने का संदेश देती है॥

उपरोक्त पंक्तियाँ अक्स कहना चाहते हैं कि
न सर्दियों सी अकड़ है मुझमें न गर्मियों से गर्माहट है मिज़ाज़ में मेरे
 मैं ज़मीन से जुड़ा एक गाँव का आम व्यक्ति हूँ और अपनी माँ के कदमों में ही उनके पैर दबाता हुआ सो जाता हूँ ॥
यही मेरे लिये स्वर्ग हे😇😇✍🏻
#deepredsea
ना सर्दियों की अकड़ मुझमें
ना गर्मियों में गर्म होता हूँ में

जुड़ा हूँ ज़मीन से अपनी
माँ के पैरो में सोता हूँ में ॥ किसी व्यक्ति की उचाईयों पर पोहचने का अंदाज़ा उसके छोटे छोटे क्षणौ के प्रति विचारधाराओ से किया जा सकता हे।
व्यक्ति की विचारधारा उसके बड़े या छोटे होने का संदेश देती है॥

उपरोक्त पंक्तियाँ अक्स कहना चाहते हैं कि
न सर्दियों सी अकड़ है मुझमें न गर्मियों से गर्माहट है मिज़ाज़ में मेरे
 मैं ज़मीन से जुड़ा एक गाँव का आम व्यक्ति हूँ और अपनी माँ के कदमों में ही उनके पैर दबाता हुआ सो जाता हूँ ॥
यही मेरे लिये स्वर्ग हे😇😇✍🏻
#deepredsea
akshayojha4488

Akshay Ojha

New Creator