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* लॉकडाउन की विरह वेदना * " रो रोकर उसकी आँखों ने

* लॉकडाउन की विरह वेदना *

" रो रोकर उसकी आँखों ने, सब व्यथाएँ कह डाली,
बहते उसके हर आँसू  ने , दिल की दशाएं कह डाली ,
वो वेदना से क्षीण , कमज़ोर हुआ सा बैठा है,
विरह अग्नि में जलता वो, कुछ उदास सा बैठा है,
इस बंदी में अपने कार्यक्षेत्र की , उन यादो से घायल है,
गृह कार्यों में कब तक हाथ बँटाये, वो इस नाकामी से आहत है,
ये विरह की अग्नि पुरुष को, कब तक यूं जलायेगी,
हे सरकार तू कब आखिर, नयी योजना लाएगी | "
©ऋषि सिंह
😅😀😀 #Lockdown😝😜
#nojotohindi #nojotoenglish
#hindipoem #rshayari #rkalamse
#hasyakavya😀
* लॉकडाउन की विरह वेदना *

" रो रोकर उसकी आँखों ने, सब व्यथाएँ कह डाली,
बहते उसके हर आँसू  ने , दिल की दशाएं कह डाली ,
वो वेदना से क्षीण , कमज़ोर हुआ सा बैठा है,
विरह अग्नि में जलता वो, कुछ उदास सा बैठा है,
इस बंदी में अपने कार्यक्षेत्र की , उन यादो से घायल है,
गृह कार्यों में कब तक हाथ बँटाये, वो इस नाकामी से आहत है,
ये विरह की अग्नि पुरुष को, कब तक यूं जलायेगी,
हे सरकार तू कब आखिर, नयी योजना लाएगी | "
©ऋषि सिंह
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