पहली बारीश.... छतरी के नीचे भीगे हुए दिल में बारिस के बून्द टपक रहे थे बदन में, चुम लिया था धरती को बारिस ने और मदमस्त थे दो आजाद पंछी एक दूसरे के गले में। किसी बच्चे केलिए ये बारिश पहला खिलौना था, जिसमे वह भीग के पानी के हर एक बूंद के साथ खेल रहा था,