" उसके आंखों ने क्या तरकिफ निकली है , मुझे विरान मरुस्थल सा प्यासा रखने का , खुद तो दरिया हैं लहरों पे लहर लेती है , भिगोती हैं मेंरे साहिल को मुझे प्यासा छोड़ जाती है . " --- रबिन्द्र राम " उसके आंखों ने क्या तरकिफ निकली है , मुझे विरान मरुस्थल सा प्यासा रखने का , खुद तो दरिया हैं लहरों पे लहर लेती है , भिगोती हैं मेंरे साहिल को मुझे प्यासा छोड़ जाती है . " --- रबिन्द्र राम #तरकिफ #मरुस्थल #प्यासा #दरिया #लहर