तुम ही तो हो जिन्हे मेरे ख्वबो की परवाह है.... वो तुम ही तो हो जिन्हें देख कर मन लहलहा उठता है... जिनके हाथ से दुनिया के सारे दुख दर्द सब छु मन्तर हो जाते हैं.. वो तुम ही तो हो माँ... वो तुम्हें ही तो हो जिनसे मे अपनी राय.. मुर्खता ओर... ओर अपने प्रेम की खुबियो कॊ बयान करता हूँ.... अपने प्रेम को पाने की जिनसे आस रखता हूँ.... वो आप ही है राम जी...