मुझे तुमसे इश्क जताना नही था, तुम्हें कुछ भी बताना नही था, ना तुमसे कोई उम्मीद करती हूं, ना तुम्हारे आने की अब राह तकती हूं, बस इतना ही चाहिए था तुमसे की तुम खुश रहो बस, अंशुओं का पता अपने मुझे दे दो बस, मैं तो वैसे भी रोती रहती हूं ना, तुम बस मेरे लिए जरा सा भी कुछ करना चाहते हो न, तो अब मुझे अकेला छोड़ दो बस, यूं खाबों में भी आया ना करो, झूठा अपनापन अब दिखाया न करो, तड़पता है दिल अब तो तकलीफ बहुत होती है, कोई घाव नही है शरीर पर तो दर्द किसी को समझा नही सकती, पर सीने पर इतने जख्म हैं उनके दर्द कितने गहरे है उन्हें में तुम्हें कभी बता नही सकती.... दर्द... जख्म.... घाव.... क्या लिख रहे है हम.... #mywritingmywords #स्नेह_के_साथी #yqdidi #yqbaba #yqhindi #yqhindiwriters #yqalone #mywritingmythoughts