शुक्र कर रब का, की तू अपने घर में है , पूछ उस से जो अटका सफ़र में है..! यहाँ बाप की शक्ल नहीं देखी आखरी वक़्त में कुछ लोगों ने, बेटा हॉस्पिटल में और बाप कब्र में है! तेरे घर में राशन है साल भर का, उसका सोच जो दो वक़्त की फ़िक्र में है! तुम्हें क्या जल्दी है गाड़ी में घूमने की, अब तो सारी दुनिया ही सब्र में है...! भ्रम में मत रहना किसी की नहीं सुनती, आज कल कुदरत भी अपने सुर में है..! शुक्र कर अपने रब का, तू अपने घर में है..!! #कोरोना_का_कहर #ज़िन्दगी शुक्र कर अपने रब का, की तू अपने घर में है , पूछ उस से जो अटका सफ़र में है..! यहाँ बाप की शक्ल नहीं देखी आखरी वक़्त में कुछ लोगों ने,