भुला कर विफलताओं का अतीत जोशीले मन से कर तू प्रतीत अपने आप को जान कर हौसले को पहचान कर अब तू बस हुंकार भर एक बार फिर कोशिश कर माना तुझको मिली नाकामी तेरे आँखों में आज है पानी पर जरा याद कर मकड़ी वाली कहानी जो सुनी बड़ो की जुबानी जिसमें मकड़ी बार बार तो गिरती थी पर कोशिश न डरती थी सारांश को इसके मन में भर एक बार फिर कोशिश कर तुझमें अब भी जान है फिर क्यों खो रहा है पहचान है इन काले बादल के पीछे देख नया आसमान है इस आसमान की सोच कर बार फिर कोशिश कर #followme #supportmywrittings #motivationtime #junnoniyat #collabwithrestzone