कई कई दिन बीत जाते हैं आपस में मिले हुए ऐसी स्थिति में किसी शुभकामनाएं बधाई में मिठास भला कहां से आ सकती है सामाजिक जीवन में किसी भी अवसर पर शुभकामनाएं बधाई रस्म आदि यागी ना रह जाए इसलिए खुद को प्रसन्न रखना बहुत जरूरी है प्रसन्न मन से निकले शब्दों का असर प्रभाव कारी होता है और यह बात सामने वाले की प्रतिक्रिया में प्रत्यक्ष भी हो जाती है एक बात पर और ध्यान देने की जरूरत है कि जब भी मन से कोई किसी को शुभकामनाएं बधाई दी जाती है तो मन बोझिल होता है ©Ek villain #Winters इलेक्ट्रॉनिक गैजेट ने लोगों के बीच दूरियां पैदा कर दी हैं