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ऐ ढ़लती हुई शाम, ज़रा दो पल को ठहर जाओ कि अब भी क

ऐ ढ़लती हुई शाम, 
ज़रा दो पल को ठहर जाओ
कि अब भी किसी का इंतजार बाक़ी है,
मत दिखाओ मुझे ख़ूबसूरत सुबह का ख्वाब
कि लाख अंधेरा ही सही मुझमें
पर अब भी उम्मीद की एक रौशनी बाकी है।। #yqbaba #yqdidi #yqhindi #smpoetry #evening #yqurdu #शाम
ऐ ढ़लती हुई शाम, 
ज़रा दो पल को ठहर जाओ
कि अब भी किसी का इंतजार बाक़ी है,
मत दिखाओ मुझे ख़ूबसूरत सुबह का ख्वाब
कि लाख अंधेरा ही सही मुझमें
पर अब भी उम्मीद की एक रौशनी बाकी है।। #yqbaba #yqdidi #yqhindi #smpoetry #evening #yqurdu #शाम