पता नहीं.. वो मैंने कभी कहा भी था या नहीं या फिर मन गढ़ंत कल्पना का सिरा थाम लिया था उसने बहुत मज़बूती से इतनी ताक़त से कि उसकी सोच के शब्द..... 🌹 कैप्शन् में पढ़ें..... पता नहीं.. वो मैंने कभी कहा भी था या नहीं या फिर मन गढ़ंत कल्पना का सिरा थाम लिया था उसने बहुत मज़बूती से इतनी ताक़त से कि