थोड़ा थोड़ा बाट लेगे :- यू तो बिन कही थके बीना कही रुके, मै कोसो दूर तक चल सकता हू, बस तुम साथ रहना मेरे, अनेको उलछे हुए रस्तो से, संकृत पथरीले रस्तो तक, जब कभी कदम मेरी थके, थोड़ा ढांढस देना तुम, जहा पाव लड़खड़ा जाए, वहा कस के थाम लेना तुम, और हा, जहा तुम्हे डर लगेगा, वहा मै भी तो साथ रहूंगा, जब आएगा तुम नींद, तेरे सर को कंधे पर रख लूंगा, यूंही मिल बाट के हम ताह उम्र काट लेगे, एक दूसरे की मुसीबतो को, हम थोड़ा थोड़ा बाट लेगे; ©Jay Kishan Rajput #lovepoetry #Hamshafar #You&Me