सोच बदल गई लोगो की अब साहिब सफलताएं सीमित हो गई नौकरियों में प्यार मोहब्बत प्रेम सीमित हो गया छोकरियों में विकास सीमित है भाषणों में किसान की खुशी सीमित है कागजों में