तेरे दिल की बात हम अपनी जुबान पर रखते है। टूटे दिल के आशियाने को हम अपनी मकान मे रखते है।। अरे तुम क्या तोड़ोगे मेरा गुरुर तुम्हारे जैसा हथौड़ा हम अपनी दुकान में रखते है।। ©sonkar Alok आलोक सोनकर