आ रही है खुशबू तुम्हारे मुस्कान से दोस्त, मिठ्ठी-मिठ्ठी, गर्म-गर्म, ताज़ी-ताज़ी मोहब्बत की... बहुत नाज़ुक दौर से गुज़र रहा है इश्क , ज़रा सम्भल के ज़ान ले लेती है बाज़ी मोहब्बत की...