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इस सफ़र के और कितने इम्तिहान होंगे ! कभी तो लगे

इस सफ़र के और कितने

 इम्तिहान होंगे !

कभी तो लगे हम भी 

किसी के जहान होंगे ! Dear #Tum

ऐसा नही है कि मेरी life में कभी कोई आया नही , बहुत से लोग आये अपनी चाहत का इज़हार भी किया , पर मुझे ना ... दोस्ती से ज्यादा कभी कुछ नही चाहिए था । लेकिन , समाज और तन्हाई में ऐसी फंसी हुई थी कि ...  खुद को लोगों की नीयत से बचाये रखने के लिए रिलेशनशिप नाम के जाल में फंसती ही गई ... इसे मैं मजबूरी नही कहूंगी क्योंकि हर फैसला मेरा खुद का था । रिलेशनशिप में रहने से लेकर उस से निकलने तक का ... मोहब्बत मुझे कभी किसी से हुई नही , इस लिए वो रिश्ते ज्यादा देर तक चले ही नही ... उन में से एक बहुत स्पेशल था , उस के साथ लगा ... शायद इसे ही मोहब्बत कहते है । लेकिन वो रिश्ता भी ज्यादा नही चला ... एक तो मैं जरूरत से ज्यादा ला - परवाह थी और ऊपर से चंचल भी ... उसे लगा मैं एक ऐसी नदी हूँ जो सिर्फ भटक सकती है , कभी समुद्र की नही हो सकती । उस ने मुझे बताया कि मैं प्यास बुझा सकती हूँ , किसी को पार नही लगा सकती ... फिर क्या था मेरी हर एक कमी उस ने मुझे बताई और बताया क्यों मैं उसके काबिल नही हूँ ... काबिल बनते बनते इतना थक गई कि एक दिन प्यार हकीकत की खिड़की से कहीं दूर उड़ गया । फिर मैंने ऐसे हालात बना दिये कि वो मुझे कहने लगा तुम खो चुकी हो मुझे ... जब कि खो तो मैं खुद को रही थी ... हर पल ... हर रोज़ ... Dear #Tum जब तुम मुझे मिलो ना तो मेरी काबिलियत मत देखना ... क्योंकि मुझे कोई नौकरी नही चाहिए ... 

#तुम्हारी_मैं
इस सफ़र के और कितने

 इम्तिहान होंगे !

कभी तो लगे हम भी 

किसी के जहान होंगे ! Dear #Tum

ऐसा नही है कि मेरी life में कभी कोई आया नही , बहुत से लोग आये अपनी चाहत का इज़हार भी किया , पर मुझे ना ... दोस्ती से ज्यादा कभी कुछ नही चाहिए था । लेकिन , समाज और तन्हाई में ऐसी फंसी हुई थी कि ...  खुद को लोगों की नीयत से बचाये रखने के लिए रिलेशनशिप नाम के जाल में फंसती ही गई ... इसे मैं मजबूरी नही कहूंगी क्योंकि हर फैसला मेरा खुद का था । रिलेशनशिप में रहने से लेकर उस से निकलने तक का ... मोहब्बत मुझे कभी किसी से हुई नही , इस लिए वो रिश्ते ज्यादा देर तक चले ही नही ... उन में से एक बहुत स्पेशल था , उस के साथ लगा ... शायद इसे ही मोहब्बत कहते है । लेकिन वो रिश्ता भी ज्यादा नही चला ... एक तो मैं जरूरत से ज्यादा ला - परवाह थी और ऊपर से चंचल भी ... उसे लगा मैं एक ऐसी नदी हूँ जो सिर्फ भटक सकती है , कभी समुद्र की नही हो सकती । उस ने मुझे बताया कि मैं प्यास बुझा सकती हूँ , किसी को पार नही लगा सकती ... फिर क्या था मेरी हर एक कमी उस ने मुझे बताई और बताया क्यों मैं उसके काबिल नही हूँ ... काबिल बनते बनते इतना थक गई कि एक दिन प्यार हकीकत की खिड़की से कहीं दूर उड़ गया । फिर मैंने ऐसे हालात बना दिये कि वो मुझे कहने लगा तुम खो चुकी हो मुझे ... जब कि खो तो मैं खुद को रही थी ... हर पल ... हर रोज़ ... Dear #Tum जब तुम मुझे मिलो ना तो मेरी काबिलियत मत देखना ... क्योंकि मुझे कोई नौकरी नही चाहिए ... 

#तुम्हारी_मैं
yashvisingh7466

Yashvi Singh

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