आज का ज्ञान मैं कुछ दोस्तों के साथ होटल में खाना खाने गया। हमने बहुत कुछ वेटर से ओडर किया । हमने उस खाने में से कुछ खाना ही खाया था बाकी मेरे दोस्त ने उस खाने को फेंकने को बोला वेटर उस खाने उठाने लगा मैंने उसे बोला भाई ऐसा कर इस सारे खाने को पैक कर दे। वेटर बोला साहब इस खाने को आप क्या करेंगे यतो सारा खाना खराब हो गया है मैं ने उसे बोला क्या वापसी किसी दूसरे को यह खाना खिलाया गया क्या। वो चुप हो गया और बोला ठीक है साहब मैं अभी इस खाने को पैक करता हूं। मेरे सारे दोस्त बोलें भाई इस खाने को तुम क्या करोगे मैं उस टाइम कुछ नहीं बोला मेरे दोस्त मेरा मजाक बना रहे थे। जब हम वापिस आने पर मैने गाड़ी साइड में लगाईं और उस खाने को निकाल कर मैंने उन गरीब बच्चों को वो खाना दिया बच्चे खान देखकर बहुत खुश हुऐ । बच्चे खाना ऐसे खारे थे जैसे मानो उन बच्चों ने कुछ दिनों से खाना नहीं खाया मैंने उन बच्चों की आंखों में जो खुशी देखी ।मैं बहुत खुश हुआ और उन की मां ने दुआ भी दी मेरे दोस्त यह सब देख रहें थे और मेरे पास आकर मेरे गले लग गये और सोरी भी बोलने लगे। मैने उन समझा की यदि मैं उस खाने को वैसे ही छोड़ देता तो वह वेटर उस खाने को कह तो उसे फैंक देता या उसी खाने को किसी दूसरे व्यक्ति को देता इसलिए मैं उस खाने को लेकर आया । इन बच्चों को देखो यह कितने खुश हैं। मेरे सारे दोस्त बोले हम भी ऐसा ही करेंगे । खाने की इज्जत करो