White रात को यूं जो हम तन्हा हुए, सोचा, चलो जिंदगी से खुद की बात करे, उसने पूछा हाल हमारा, हमने भी सुनाया किस्सा सारा, कहती है मिलने क्यूं नहीं आते, भूल गए क्या ? या वक्त नहीं पाते ? उदास हो मुझसे, या नाराज़ हो, कहा गुम हो के, खुशी ढूंढ नहीं पाते ? कहा हमने अब तुम वैसी नहीं, बड़ी मसरूफ हो, आसानी से मिलती नहीं, लिए बसता जिम्मेदारियों का फिरते है हम, तुम भी अब पुरानी खुशहाल सी नहीं, सवालों से परेशान जिंदगी के, हम फिर सोच में मुतमइन हो गए, नींद आ गई हमे और हम सो गए.... ©Ajay Chaurasiya #Zindagi