माँ का दूसरा रूप है वो ठिठुरती सुबहों का धुप है वो, गर्मी में सीतल छाया है वो, वात्सल्य,प्रेम का स्वरुप है वो! Please Read Caption.. Image Source:Google मेरी दीदी: प्यार मुझे करती है वो खयाल मेरा रखती है वो, जब जब गलती में करता हूँ कान खींचकर मुझे डांटती भी है वो! माँ का दूसरा रूप है वो